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जो नाकाबिल ए बर्दाश्त है हमें, वही हरकत कर रहे हैं। अपने गुनाहों पर वो पर्दा डालने की, जुर्रत कर रहे हैं। जिनके खुद के हाथ सने हुए हैं कई मासूमों ...